उल्लाला शतकवीर सृजन 30.03.2021
[31/03, 10:40] Anita Mandilwar Sapna: [30/03, 19:04] अनिता सु� ��ीर: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक 30/03
विषय (1) गणेश
प्रथमेश्वर से है प्रार्थना,ज्ञान हमें यह दीजिए।
गौरी सुत गणपति देव जी,पूर्ण शतक अब कीजिए।।
विषय (2) शारदे माँ
वीणापाणी माँ शारदे,चरणों में जयकार है।
मति गति नव लय नव कंठ दें,विनती बारम्बार है।।
विषय (3) कलम की सुगंध
अर्पित करते श्रद्धा सुमन,शाला के इस यत्न को।
सौरभ विसरित करती कलम,गढ़ती कितने रत्न को।।
विषय (4) गुरु विज्ञात जी
गुरुवर कौशिक का स्वप्न है,भाषा ही अभियान हो।
सेवा करते निस्वार्थ नित,हिंदी का उत्थान हो ।।
विषय (5) स्वयं
परिचित अपने सामर्थ्य से,भावों की है रिक्तता।
मिलता गुरुवर सानिध्य जब,रचना में फिर सिक्तता।।
अनिता सुधीर आख्या
[30/03, 19:17] आरती मेहर: 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
✍️ *कलम की सुगन्ध छंदशाला*:✍️
🌞 *उल्लाला शतकवीर 202* 🌞
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विषय ( 1 )
गौरी नंदन लघु सुत बने , देवा प्रथम गणेश जी l
कार्तिक उनका भाई बड़ा, भोला पिता महेश जी ll
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विषय ( 2 )
वंदन देवी माँ शारदे , वीणा पाणी तारदे l
अपना अब आशीर्वाद दे , विद्या का भंडार दे l l
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विषय ( 3 )
सुगन्ध देती मुझको कलम , लगता है डर धार से l
खोलें सबकी ही पोल ये , बचना इसके वार से l l
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विषय ( 4 )
देते सबको ही ज्ञान जी , लिखते नाम विज्ञात हैं l
देते सबको लय भेंट में , छंदो की सौगात है l l
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विषय ( 5 )
कहते मुझको तो आरती , मेहर है उपनाम जी l
साहित्य परिचय मेरा बने ,लिखना मेरा काम जी ll
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आरती मेहर "रति"
रायगढ़
[30/03, 19:18] कलम श्रीमती चन्द्र कला किरण: कलम की सुगंध छंद शाला
उल्लाला छंद
शतक वीर
2021
दिनांक30/3/2021
विषय
1 गणेश जी को समर्पित
तुम गणपति गिरजा सूत हो,
पहले पूजे हम आज हैं ।
गौरी शंकर के लाल तुम,
करते पूरे काज है।
🌻🌻🌻🌻🌻
2 मां शारदे को समर्पित
हे वीणाधारी देवितुम ,
देती सबको ज्ञान हो ।
जग में पूजित माता तुझे
हरती सबके त्राण हो ।
🌻🌻🌻🌻🌻🌻
3कलम की सुगंध को समर्पित
फैली सुगंध है कलम की ,
कविता पूरित जो जान है।
कविवर जो पाते ज्ञान है,
मिलती जो पहचान है ।
🌻🌻🌻🌻🌻🌻
4 गुरुदेव विज्ञात को समर्पित
हे गुरूवर तुम से जगत में,
मिलती जीने की राह है ।
कठिनाई में दीपक बने,
खुशियों की जो चाह है।
🌻🌻🌻🌻🌻
5स्वयं को समर्पित
चलता जो सच्ची राह है ,
सुख कर उसका काम है ।
माने है उसको जगत भी,
जग में होता नाम है।
चंद्र किरण शर्मा भाटापारा
[30/03, 19:21] अजय पटनायक: *कलम की सुगंध छंद शाला*
*शतक वीर-2021*
१/ *गणेश जी को समर्पित:-*
लम्बोदर गण राज तुम,मंगल कर दो नाथ जी।
कारज पूरन कर सभी, ,सर पर रख दो हाथ जी।।
२/ *माँ शारदे को समर्पित*
विद्या देना मात तुम,हूँ बालक अनजान मैं।
दे दो पुंज प्रकाश का,बांट सकूँ नित ज्ञान मैं।।
३/ *कलम की सुगंध को समर्पित:-*
रचना गढ़ती रोज है,कलमकार की खोज है।
सौरभ फैला कर पटल,लाती व्यंग्य ओज है।।
४/ *गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित:-*
देते गुरुवर ज्ञान हैं,करते है सम्मान जी।
सीखा कविता पाठ को,करते हैं कल्याण जी।।
५/ *स्वयं को समर्पित*
पढ़ता लिखता हूँ नही,शब्दो का व्यापार हूँ।
रचकर रचना मैं सदा,करता पालन हार हूँ।।
मौलिक रचना
अजय पटनायक
तमनार, रायगढ
[30/03, 19:32] Ram Jas Tripathi: * उल्लाला शतकवीर २०२१*
विषय - 1 गणेश जी को समर्पित
गणपति गरुण गणेश अरु, प्रथम पूज्य गणनाथ को।
आरत बन हम पूजते,सदा झुकाकर माथ को।।
विषय -2 शारद जी को समर्पित
शारद नारद शेष अरु, श्रीधर हर अभिजात को।
पूजन करते भक्त हम, हंसवाहिनी मात को।।
विषय -३ कलम की सुगंध मंच को समर्पित
कवियों के सरपंच को, कलम सुगंध सुमंच को।
देता हूँ आभार मैं,तजकर सकल प्रपंच को।।
विषय - ४ आदरणीय विज्ञात जी को समर्पित
कवियों के सरताज को, गुरुवर प्रिय विज्ञात को।
अनुपम छवि को नमन है, कीर्ति शुभद विख्यात को।।
विषय -५ स्वयं को समर्पित
नवल नवांकुर तूलिका, नारायण का दास मैं।
उल्लाला शुभ छंद को, लिखकर हुआ सुभास मैं ॥
पं रामजस त्रिपाठी नारायण
भुलालपुर सीखड़ चुनार मिर्जापुर उत्तर प्रदेश 231306
मों-9797399705
[30/03, 19:34] डा दीक्षा: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक - 30/03/2021
विषय (1) *गणेशजी को समर्पित*
गणपति की कर वंदना , सफल करें हर काज को ।
जग के प्राणाधार वे , मंगल कर सुख- साज को ।।
विषय (2) - *माँ शारदे को समर्पित*
वाणी बसती माँ शारदे , देना विद्या-दान तुम ।
वंदन करती हूँ मैं सदा , दूर करो अभिमान तुम ।।
विषय (3) - *कलम की सुगंध को समर्पित*
जीवन यह महके सदा , शुभ कर्मों की गंध से ।
जागृति फैले जग सभी , पावन कलम सुगंध से ।।
विषय (4) - *गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित*
गुरुवर की करती वंदना , देते विद्या दान हैं ।
पूरी करवाते साधना , उनका करते मान हैं ।।
विषय (5) - *स्वयं को समर्पित*
सीखूँ मैं नित ही नया , दीक्षा मेरा नाम है ।
पढ़ती-लिखती हूँ बहुत , शिक्षा देना काम है ।।
*डॉ. दीक्षा चौबे*
दुर्ग , छत्तीसगढ़
[30/03, 19:40] Dhirhi sir ji: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक-30/03/2021
विषय (5) स्वयं को समर्पित
खुद से ज्यादा चाहता हूँ,वो मेरी अरमान है।
उनसे ही मेरी जिंदगी,धड़कन भी वो जान है।।
रब से हमको लेना नहीं,माशूका पर आस है।
लगता है यारा ये हमें,हर पल मेरे पास है।।
पागल कैसे मैं हो गया,उसकी सूरत चाह में।
जीना मुझको भाता नहीं,चाहत वाली राह में।।
आँखों में मेरे बस गयी,दिल में उसका राज है।
कल की मैं तो कैसे कहूँ,जी लूँ उसको आज है।
सोते उठते चाहा करूँ,जानम ये क्या रोग हैं।
कैसी चाहत है यार ये,आशिक कहते लोग हैं।।
राजकिशोर धिरही
[30/03, 19:46] डा एन के सेठी दौसा: *शतकवीर 2021*
*दिनाँक-30/03/21*
*उल्लाला छन्द*
*1.गणेश जी को समर्पित*
पूजो गणपति गजराज को,
सुधरें सारे काज हैं।
कोटि दिवाकर सम तेज है,
सबके जो सरताज हैं।।
*2.माँ शारदे को समर्पित*
विनती करता माँ शारदे
नित नूतन कविता रचें।
वरदा माता सुरभारती,
हम सब दोषों से बचें।।
*3.कलम की सुगंध को समर्पित*
धारा ये सतसाहित्य की,
अविरल ही बहती रहे।
अविचल चलती ये लेखनी,
सच यूं ही कहती रहे।।
*4.गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित*
ज्ञानी ध्यानी गुरु आप हैं,
हम बालक नादान हैं।
सीख हमें दो श्रीमान जी
हम इससे अनजान हैं।।
*5.स्वयं को समर्पित*
करता नित्य नई कल्पना,
स्वप्न करूँ साकार मैं।
देता ही रहता हूँ सदा
शब्दों को आकार मैं।।
*©डॉ एन के सेठी*
[30/03, 19:47] Jyoti Ambasth Apur: कलम की सुगंध छंद शाला
उल्लाला शतक वीर- 2021
1. विषय- गणेश जी को समर्पित
हे जगत के तारण हारी देव, तू करते
क्षमा दान हो।
है अबोध संतान हम,
तू परमपिता अभिमान हो।
2.विषय-मां शारदे को समर्पित
हे माँ शारदे वीणा पाणि देवी, तू करती विद्यादान है।
हैं अज्ञानी संतान हम ,तू
करती हमारा त्राण है।
3.विषय-कलम की सुगंध को समर्पित
ऐ कलम की सुगंध मंच, तू
कविता का आधार है।
हैं हम अज्ञानी को, देते
विद्या का दान है।
4.विषय-गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित
हे गुरुदेव करती हूँ प्रणाम,तुम्हे
मैं ,अबोध, अज्ञानी, तूम
ज्ञान का सागर, तुम ही
मंच के आधार हो।
5.विषय- स्वयं को समर्पित
मैं नवोदित ,नही है लेखनी का
ज्ञान मुझे।
सरल हृदय कविता,
खुद पर है भरोसा मुझे ।
ज्योति अम्बष्ट
अंबिकापुर।
[30/03, 19:54] धनेशवरी सोनी: *कलम की सुगंध छंद शाला*
*शतक वीर-2021*
१/ *गणेश जी को समर्पित:-*
करते है हम प्रभु जी नमन, सुन लो सब आराधना।।
विपदा अनहोनी से बचा, प्रभु चरणों में साधना।।
२/ *माँ शारदे को समर्पित*
वीणापाणी माँ शारदे, दे दो मुझको ज्ञान माँ।।
कंठो आकर बैठो जरा, आशीषों का दान माँ।।
३/ *कलम की सुगंध को समर्पित:-*
भरकर स्याही को हम रखे, कलमें पकडे़ हाथ जी।।
सुंदर शोभित रचना पटल ,मिलकर रचते साथ जी।।
४/ *गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित:-*.................
जीवन गंगा में डूब जा, ज्ञानी बन सौगात जी।।
सीखे सारे गुण छंद को, शिक्षक है विज्ञात जी।।
५/ *स्वयं को समर्पित............
मै अज्ञानी क्या जानती, लिखना रचना काम है।।
परिचय रचना से ही करो, पढकर देना नाम है।।
*गुल की कलम से*✍️✍️
धनेश्वरी सोनी गुल
बिलासपुर
[30/03, 19:57] कलम कन्हैया लाल श्रीवास: विधा........उल्लाला छंद
*विषय........गणेश*
*******
वंदन कर लो आप सब,
श्री गणेश का गान से।
जीत सत्य की हो सदा,
करो नित्य शुभ काम से।।
*****
*विषय........शारदा*
*****
चंदन वंदन शारदा,
नित्य करूँ शुभ कामना।
सीख सदा मिलती रहे,
मिले सकल गुण साधना।।
*****
*विषय.......कलम की सुगंध*
*****
छंद गीत का सृजन हो,
चले कलम नव तूलिका।
नित्य पटल सुरभित रहे,
बन जाये हम साधिका।।
*****
*विषय ........गुरुदेव*
*****
सीख छंद गुरुवर मिला,
नित्य हमे हर बार से।
आज विधा नव रच गढ़े,
शतक वीर नित वार से।।
******
*विषय.......स्वयं*
*****
ज्ञान मिला नव छंद का,
करके नित अभ्यास से।
सदा सीख मिलता रहे,
नूतन छंद विधान से।।
*******
स्वलिखित
*कन्हैया लाल श्रीवास 'आस'*
*भाटापारा छत्तीसगढ़*
*जि. बलौदाबाजार भाटापारा*
[30/03, 19:57] कलम इन्द्राणी साहू: कलम की सुगंध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनाँक - 30/03/2021
दिन - मंगलवार
विधा - उल्लाला 15/13
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1. गणेश जी को समर्पित
नित सुमिरण करके आपका , मिट जाते सब क्लेश जी ।
सब विध्नों को हर लीजिए , गौरी पुत्र गणेश जी ।।
2. माँ शारदे को समर्पित
है वंदन माँ पद्मासना , वीणापाणी शारदे ।
हर लेना सब अज्ञानता , विद्या का भंडार दे ।।
3. कलम की सुगंध को समर्पित
यह अनुपम कलम सुगंध है , सिखलाए नित छंद जी ।
आकर इसकी शुभ छाँव में , सब पाते आनंद जी ।।
4. गुरूदेव विज्ञात जी को समर्पित
हैं निश्छल मन कोमल हृदय , गुरुवर श्री विज्ञात जी ।
सिखलाते हैं नव छंद नित , देते शुभ सौगात जी ।।
5. स्वयं को समर्पित
मैं अज्ञानी हूँ मूढ़मति , समझ न पाऊँ छंद को ।
उत्तम गुरुवर सानिध्य में , ज्ञान मिले मतिमंद को ।।
*इन्द्राणी साहू"साँची"*
भाटापारा (छत्तीसगढ़)
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[30/03, 19:58] मीना भट्ट: गणेश
गौरी सुत करते नमन,रिद्धि सिद्धि प्रभु साथ हैं।
प्रथम देव हो पूजते,गणपति देवा नाथ हैं।।
शारद
ज्ञान ज्योति शारद जला,माँ चरणों में स्थान दो।
वेद पुराण पाठ करे,माता ये वरदान दो।।
कलम की सुगंध
फैली सुंगध है कलम ,लिखते नित हम छंद हैं ।
गीत ग़ज़ल नव लिखें,
गुरु विज्ञात
सेवा ही साहित्य की,करते गुरु विज्ञात हैं।
भाषा का उत्थान ही,करते गुरु दिन रात हैं।
स्वयं
शारद सेवा की लगन ,कलम चले नित साथ है।
ज्ञान बुद्धि दे श्रीप्रदा ,सब कुछ तेरे हाथ हैं।।
मीना भट्ट
[30/03, 20:07] इन्दू साहू: *कलम की सुगंध: छंदशाला*
*उल्लाला शतकवीर 2021*
दिनांक: 30/03/2021
1. *गणेश जी को समर्पित*
गणपति जी की कामना, करते हम सब रोज हैं।
कार्य सफल करते सदा, भरते मन में ओज हैं।।
2. *माँ शारदे को समर्पित*
नमन करूँ माँ शारदे, वाणी में झंकार दे।
करती हूँ मैं प्रार्थना, शब्दों का भंडार दे।।
3. *कलम की सुगंध को समर्पित*
पावन यह तो मंच है, सबका देते साथ जी।
छंद शास्त्र का ज्ञान दे, इसे नवाये माथ जी।।
4. *गुरूदेव विज्ञात जी को समर्पित*
गुरूदेव से ही मिला, हम सबको तो ज्ञान जी।
बात गुरू का मान कर, करना सब सम्मान जी।।
5. *स्वयं को समर्पित*
करती सेवा मैं सदा, मात-पिता आधार हैं।
उनके चरणों में बसा, यह पूरा संसार है।
-इन्दु साहू,
रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
[30/03, 20:08] परमजीत सिह कलहुरी: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक-30/03/2021
*शतकवीर 2021*
*दिनाँक-30/03/21*
*उल्लाला छन्द*
*1.गणेश जी को समर्पित*
हे गणपति तुम पालक बनो,
पूरे कर दो काज तुम।
तुम ही वरदाता सृष्टि के,
गागर भर दो आज तुम।।
**2.माँ शारदे को समर्पित*
सुर की देवी मां शारदे,
भर दो सारे साज तुम।
मां सब कविताएं तुम रचो,
बन कवियों का ताज तुम।।
*3.कलम की सुगंध को समर्पित*
सारे ज्ञानी अवतार हैं,
नियमित रहना सार है।
आगंतुक चलती लेखनी,
सुंदर सा परिवार है।।
*4.गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित*
हे गुरुवर तुमको क्या लिखूं,
तुम मेरे अभिमान हो।
निश्चल निर्मल सद्भाव से,
रखते सबका ध्यान हो।।
**5.स्वयं को समर्पित*
मेरे गुरु ने कोविद कहा,
कोशिश में विश्वास है।
गुरुवर के आशीर्वाद से,
जीतूंगा आभास है।।
*परमजीत सिंह "कोविद"*
*कहलूरी*
[30/03, 20:09] नीतू छंदशाला: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक - 30.04.2021
विषय ( श्री गणेश जी को समर्पित )
गणपति गणनायक आपको,
सारी दुनिया पूजती।
शत-शत वंदन से लेखनी,
चरणों को नित चूमती।।
विषय ( माता वीणापाणि को समर्पित )
हे माता वीणा वादिनी,
रखना सिर पर हाथ तुम।
लय सुर उत्तमता ज्ञान से,
देती रहना साथ तुम।।
विषय (कलम की सुगंध को समर्पित)
लेखन का यूँ कौशल मिला है,
पाकर साथ सुगंध का।
हिन्दी पर चलती नित कलम,
जड़ती अनुपम बंध को।।
विषय ( गुरुदेव को समर्पित )
ईश्वर का ही आशीष ये,
बनते नूतन छंद हैं।
संजय कौशिक गुरुवर मिले,
भरते गुण आनंद हैं।
विषय ( स्वयं को समर्पित )
उलझे बिखरे से भाव को,
उत्तमता की चाह जब।
नीतू ठाकुर 'विदुषी' कहे,
श्रम की पकड़ो राह जब।
नीतू ठाकुर 'विदुषी'
[30/03, 20:13] Asha Shukla: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक
विषय (1). गणेश जी
हेरम्ब गणपति हे विघ्नहर,योगाधिप शिवपुत्र हो।
नंदन मनोमय हरिद्र तुम, सदा लेखनी मित्र हो ।।
विषय (2)माँ शारदे
विनती सुन लो मांँ शारदे, स्तुति करती कर जोड़़ कर।
लेना मुझको निज शरण में, मुझे न जाना छोड़कर।।
विषय (3)कलम की सुगंध को समर्पित
शाला छंदों की है मधुर, ज्ञान कुंज सी शोभती।
तारक-ज्ञानी चमकें यहाँ,मेधा मन अति रोचती।।
विषय (4)गुरूदेव विज्ञात जी
संजय गुरुवर जी शोभते,शाला में ज्यों भानु हैं।
वारते दिनकर सी रश्मियाँ,भावन शीत कृशानु हैं।।
विषय (5) स्वयं
तृष्णा व्यापी है ज्ञान की, ज्ञान-नीर मृदु ढूंँढ़ती
आशा मिलने की है लगी,पता ताल से पूछती।।
आशा शुक्ला,शाहजहाँपुर, उत्तरप्रदेश
[30/03, 20:22] भावना शिवहरे: *उल्लाला छन्द*
1गणेश को समर्पित
गणेश करते देख है,
गणेश पूजे होय है।
सोचें होते बने जब,
पूरे लागे काम है।
2माँ वीणा वाणी को समर्पित
*प्राणों बसती देव ये
मूरत बसती हदय में
अंतस जागे भाव से,
ममता वाणी मनस में।
3*कलम सुगन्ध को समर्पित
कहती सुंगध आज जब
कलमें सजती भोर है
लागे प्यारा देख ये,
काव्या माला पिरो है।
4
गुरु देव जब करे है
भूली विसरे ज्ञान है।
जगाये देख बोल तप
सुहाये जगत लगी हैं।
5
छंदों भाषा सहज सी
सागर जैसी मोम में।
सहजता सरल बोल के
पराग रचती सोच में।
भाबना शिवहरे
[30/03, 20:23] अरुणा साहू मैम: 30/3/2021
कलम की सुगंध छंद शाला
शतक वीर--2021
गणेशजी को समर्पित
गौरी गणपति पूजिए,कार्य करें आरंभ भी।
विपदा सारी दूर हो,मिटते सारे दंभ भी।।
शारदा को समर्पित
विद्या देवी शारदा, भरे ज्ञान भंडार हैं ।
सदा ज्ञान से पूजिए,मिटते सब अँधिकार हैं।।
कलम की सुगंध समर्पित
निशदिन हमको बाँटती, कलम अपनी सुगंध है।
द्वारे मन के खोलती,खुल जाते सब बंध ।।
गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित
चंचल मन हर गात में, भोग करे दिन रात ही।
गुरुवर खींचे डोर तब,बनते हैं अभिजात ही।।
स्वयं को समर्पित
जीवन में भटकी रही, कलम बनी हथियार अब।
करें प्रतीक्षा अब नहीं,
भाव बने उद्गार अब।।
अरुणा साहू रायगढ़
[30/03, 20:48] कलम एस देवांगन: ***
*विषय---- कलम की सुगन्ध छंदशाला*
*उल्लाला शतकवीर 2021*
*दिनांक --- 30.003.2021*
*विषय (1) गणेश जी को समर्पित*
गणपति गणनायक गजवदन , हे विनती सुन लीजिए ।
जग के अब सारे तम मिटे , मानस प्रज्ञा दीजिए ।।
******
*विषय (2) माँ शारदे को समर्पित*
माता विमला वागेश्वरी , वाणी का वरदान दो ।
निशदिन साजे सुर साधना , सरगम का संज्ञान दो।।
******
*विषय (3) कलम की सुगंध को समर्पित*
पावन प्यारा शुभ मंच ये , सीखें नित नव छंद जी।
तन मन हर्षित अब हो रहा , पायें अति आनंद जी।।
*******
*विषय (4) गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित*
वंदन गुरुवर श्री आपको , देते नूतन ज्ञान हैं ।
रखते निश्छल उर भावना , करते शिक्षा दान हैं ।।
******
*विषय (5) स्वयं को समर्पित*
गुरुवर के शुभ आशीष से , काव्य सृजन करती "धरा" ।
उत्साहित हो जाती सदा , पाकर अवसर सुनहरा ।।
*******
*धनेश्वरी देवाँगन "धरा"*
*रायगढ़, छत्तीसगढ़*
[30/03, 21:00] क़लम बाबूलाल शर्मा: 👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀
~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा,विज्ञ
उल्लाला शतकवीर के लिए
30.03.2021 (मंगलवार)
समीक्षक - श्री संजय कौशिक विज्ञात जी
1. गणेश जी को समर्पित -
गौरी सुत हे शिव के तनय,
जय गणेश भगवान तुम।
कविता लेखन मय कल्पना,
चाहें प्रभु वरदान हम।।
2. माँ शारदे को समर्पित -
हे माता शारद आइए,
सुफल कीजिए कर्म सब।
छंदो का देना ज्ञान तुम,
नेक निभे कवि धर्म अब।।
3. कलम की सुगंध को समर्पित -
शाला यों महकेगी सदा,
कविता कलम सुगंध भर।
सीखेंगे कविजन छंद यों,
निज श्रम से अनुबंध कर।।
4. गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित-
माता शारद की है कृपा,
कलमवीर विख्यात कवि।
सादर वंदन है आपको,
श्री संजय जी विज्ञात रवि ।।
5. स्वयं को समर्पित -
कविताई मेरा कर्म यह,
मान खड़ग की धार मन।
यह शर्मा बाबू लाल नित,
सीखे नये विचार धन।।
. 👀👀👀
✍©
बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ
सिकंदरा, दौसा, राजस्थान
👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀
[30/03, 21:02] Hemlata Sharma: दिनांक-30,03,2021
छंद-उल्लाला
1,
गणेश
गणेश पूजन पहले करो, रोली तिलक लगाय के।
वाधा तुम जन-जन की हरौ, शंकर सुमन कहाय के।
2,
माऀ शारदे
वीणा पाणी मां शारदे, कंठ को स्वर ज्ञान दे।
अज्ञानता से माऀ तार दे, हो जग का शुभ कलयाण दे।
3,
कलम की सुगंध
छायी कलम की सुगंध है, जैंसे हो मकरंद है।
रचना नित विशेष छंद है, होत नहीं लय भंग है।
4,
गुरुदेव
आये शरण गुरुदेव की, गुरु महिमा अपार है।
हरते गुरु तम अज्ञान का, गुरु कृपा जग सार है।
5,
स्वयं
सेवा मानव व्रत धार में, जीवन मान सार अहो।
सेवा सकल जीव जान में, ईश यह साकार अहो।
हेमलता राजेंद्र शर्मा मनस्विनी
साईं खेड़ा नरसिंहपुर
मध्य प्रदेश
[30/03, 21:16] उमाकानत टैगोर: *कलम की सुगंध छंदशाला*
*उल्लाला शतकवीर 2021*
*दिनाँक 30/03/2021*
1. गणेश जी को समर्पित
हे शंकर पुत्र गणेश जी, पूरण कर दो काज को।
लिखना कुछ भी आता नहीं, आप बचा लो लाज को।।
2. माँ शारदे को समर्पित
हे जय देवी माँ शारदे, मुझ मूरख को ज्ञान दो।
मानवता हित पर लिख सकूँ, बस इतना वरदान दो।।
3. कलम की सुगंध को समर्पित
कलम सुगन्धित अब हो चले, इसीलिए हम आप जी।
मिल-जुल कर सब लिखते रहें, नये तान आलाप जी।।
4. गुरूदेव विज्ञात जी को समर्पित
हे गुरूदेव विज्ञात जी, कितने आप महान हैं।
गढ़ते हैं आप सुपंथ को, देते हमको ज्ञान हैं।
5. स्वयं को समर्पित
उमाकान्त मेरा नाम है, कलमकार नादान हूँ।
छन्द सृजन के इस खेल में, सत् प्रतिशत अंजान हूँ।।
उमाकान्त टैगोर
कन्हाईबंद, जाँजगीर (छ.ग.)
[30/03, 21:20] Gulshan Kumar Sahsi (BKKS): 🙏🏻श्री गणेशाय नमः 🌺
🙏🏻जय माँ शारदे 🌺
कलम की सुगंध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनाँक:- 30/03/2021
दिन:- मंगलवार
विधा:- उल्लाला छंद(15/13)
🙏🏻नमन मंच🙏🏻
*********************************
1. गणपति
गणपति गौरा नित अब जपो, पूजन करके हैं सभी।
संकट सब भक्तों के हरे, देखो प्रभु शिव जी अभी।।
2. माँ शारदे
जपना नित अब माँ शारदे, तन-मन से सब हैं अभी।
विद्या सब बालक को यहाँ, देखो देती है तभी।।
3. कलम की सुगंध
मंचों में कलम सुगंध ये, सबसे ऊपर हैं अभी।
आते कवि कवियत्री यहाँ, सीख सही पाते तभी।।
4. गुरुवर संजय विज्ञात जी
देते छंदों का ज्ञान हैं, गुरु संजय विज्ञात जी।
वाणी मीठी नित बोलते, करके सुंदर बात जी।।
5. स्वयं
मैं आज्ञानी नादान हूँ, समझूँ नहिं यह छंद को।
नित गुरुवर के छाए तले, ज्ञान मिले मति मंद को।।
********************************
गुलशन कुमार "साहसी"
सिंगारपुर, लखीसराय (बिहार)
8279348253
[30/03, 21:23] आरती श्र� ��वास्तव � �ी: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक -३०/३/२०२१
विषय (1) मां शारदे
सुन लो विनती मां शारदे,हर लो तमस अज्ञान का।
खाली झोली भर दो अभी,भर दो ज्ञान प्रकाश का।
विषय (2)जय गणेश
हे गौरी पुत्र गणपति साथ दो,रच डालू सुन्दर वंदगी।
हो जाये पूरी आस अब,संभल जाते ये ज़िंदगी।
विषय (3) कलम की सुगंध
शुभ तंरग सब हिय में भरे, सुगंध की छंदशाला।
गागर में सागर भी भरे,खुल जाये ज्ञान ताला।
विषय (4) गुरु देव
सूर्य सम विज्ञात गुरु बने,बांटे ज्ञान प्रकाश है।
मुढ़ भी तब ज्ञानी बने,करते जग में नाम है।
विषय (5) स्वयं को समर्पित
चाहत मेरी अब है यही, रौशन हो मेरा जहां।
भीतर बाहर एक सा रहूं, हर्षित हो मुझसे जहां।
स्वरचित आरती श्रीवास्तव विपुला।
[30/03, 21:27] ममता बिलासपुर: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक 30/03
विषय (1) गणेश
गणपति गौरी के लाल हो,पूजित जग पहले सदा।
गजमुख सीधे वक्र तुण्ड वे,भक्त कष्ठ हरते गदा।
विषय (2) शारदे माँ
मां तुम ज्ञान कला दायनी, अंबर धवला धारणी
तुम हो मां सद्बुध रूपिणी, वर दो हे तम तारणी
विषय (3) कलम की सुगंध
हाथो में पकड़ी लेखनी ,सुगंध फैलाती यहाँ।
उल्लाला पटल सीख भरी ,ऐसी पट कोई कहाँ ।
विषय (4) गुरु विज्ञात जी
तत्पर हमारे विज्ञात जी,हिंदी सेवा के लिये।
वे निज हित की सोचे नही, समय साहित्य को दिये।
विषय (5) स्वयं
सुंदर छंदों खो कर रची, देखी बैठी सीखने।
थोड़ी सी मै बुद्धि रखी ,प्रयत्न रत हूँ सीखने।
ममता तिवारी
जांजगीर (छत्तीसगढ़)
[30/03, 21:28] Anita Mandilwar Sapna: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक - 30.03.2021
विषय (1)गणेश जी को समर्पित
जय गणपति मंगल देव की, पूजा वंदन कीजिये ।
लंबोदर का नित ध्यान धर, अर्पण तर्पण दीजिये ।।
विषय (2)माँ शारदे को समर्पित
माता शारद आ उर बसो, हे भव तारक तारती ।
शुभदा हो केवल नाम से, कर में वीणा धारती ।।
विषय (3)कलम की सुगंध को समर्पित
फैलाती कलम सुगंध है, सखियों का भी साथ है ।
उत्तम भावों की लेखनी, सब कवियों के हाथ है ।।
विषय (4)गुरूदेव विज्ञात जी को समर्पित
अभिनंदन ये सपना करे, कह गुरुदेव महान हैं।
उनका लेखन चलता रहे, हमको देते ज्ञान हैं ।।
विषय (5)स्वयं को समर्पित
हँसती रहती हूँ मैं सदा, सपना मेरा नाम है ।
सबका अच्छा ही सोचती, ऐसा मेरा काम है ।।
अनिता मंदिलवार "सपना"
[30/03, 21:32] गीतांजलि अनकही: उल्लाला शतकवीर १
१) गणपति वंदन
आ आसन शुचि पर राजिए, गणपति हे महाराज जी।
सब विघ्नों को प्रभु दूर कर, कीजिए पूर्ण काज जी॥
२) सरस्वती वंदन
वंदन दोनों कर जोड़ कर, करती बारम्बार मैं।
तव किरपा हे माँ शारदे, माँगूँ सह आभार मैं॥
३) मंच को नमन
सज्जन कवियों का संग हो, उड़ती कलम सुगंध हो।
ऐसे स्थल शुभ को है नमन, काव्य जुड़ा सम्बन्ध हो॥
४) गुरु के प्रति आभार
है पग पग पर कठिनाइयाँ, पथ दुर्गम नव छंद का।
हो गुरु का कर मम शीश पर, संग सरल कवि वृंद का॥
५) आत्म आह्वान
स्थित आत्मा में जो देव है, मन भीतर भगवान है।
नव विधा नव अनुष्ठान में, उस प्रभु का आह्वान है॥
#गीतांजलि
[30/03, 21:33] राधेगोपाल: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक
*30/03/2021*
विषय (1) गणपति
*गणपति* वर देते सदा, उनसे ही वर लीजिए।
देवों के भी देव है,पूजा पहले कीजिए।।
विषय (2) शारदे
विद्या दो मांँ *शारदे*, आई तेरे द्वार हूंँ।
लेखन का वर दीजिए, करती हूंँ मनुहार यूँ।।
विषय (3) कलम की सुगंध
सबके काम सवाँरती , लिखती *कलम* न काँपती ।
लिखने को विचलित हुई, मन को भी वो भाँपती।।
विषय (4) गुरुवर
*गुरुवर* है विज्ञात जी, रखते सबका ध्यान है।
छंदों को लिखकर मिले, उनको हरदम मान है।।
विषय (5) स्वयं
*खुद* पर कर विश्वास को, होंगे सारे काम भी।
करके बढ़िया काम को ,होता है सरनाम ही।।
*राधा तिवारी*
*"राधेगोपाल"*
*सह संचालक कलम की सौगंध उल्लाला छंद*
*एल टी अंग्रेजी अध्यापिका*
*खटीमा,उधम सिंह नगर*
*उत्तराखंड*
[30/03, 21:40] मीता अग्रवाल: उल्लाला शतकवीर
*कलम की सुगंध छंद शाला*
*शतक वीर-2021*
१/ *गणेश जी को समर्पित:-*
प्रथम पूज्य गणपति को नमन,मूढ़ मंद को ज्ञान दो।
पूरन करिए आराधना,भाव बूँद का भान दो।।
२/ माँ शारदे को समर्पित-
हंसवाहिनी माँ शारदे,ज्ञान मान वरदान दो।
साधक करते साधना माँ, दृढ़ शक्ति संज्ञान दो।।
३/ *कलम की सुगंध को समर्पित
रचना रसना सुर की बहें, क़लम धार हो गंध हो।
सरिता कल-कल छंद लिखती,शतकवीर अनुबंध हो।।
४/ *गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित:-*
गुरुवर होते आलोक पथ,संजय सम होती दृष्टि।
मनोकामना पूरी करें,छंद माल करते सृष्टि ।।
५/ *स्वयं को समर्पित.
आशा मन मे हैं जागती, गीत गजल कविता रचें।
साथी सज्जन साथ होवे,कलम सुगंधित ही जचें।।
मीता अग्रवाल मधुर रायपुर छत्तीसगढ़
[30/03, 21:42] सरला सिंह: कलम की सुगंध छंद शाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक-30-04-2021
1. गणेश जी को समर्पित
हे गणनायक करदो दया, हर लेना सब प्यास ये ।
सागर हो करुणा के तुम्ही,तुमसे दाता आस ये।
2-माँ शारदे को समर्पित
माता मेरी यह याचना,सुन ले विनती शारदे।
चलती ही जाए लेखनी, इतना माँ वरदान दे।।
3. कलम की सुगंध को समर्पित
फैले सुगंध सभी दिशा ,जगभर में ही नाम हो।
यश गाथा हो जग में सदा,स्वर्णिम उसका काम हो।।
4- गुरूदेव विज्ञात जी को समर्पित
गुरुजी की महिमा है बड़ी,करते सबका ही भला।
जिसपर भी है होती दया, गया नहीं वह है छला।
5. स्वयं को समर्पित
मैं तो इतना बस चाहती,यह लेखनी चलती रहे ।
गुरु की कृपा माँ की दया,जीवन में फलती रहे।।
[30/03, 21:44] छकलम चमेली कुरे: *कलम की सुगन्ध छंदशाला*
*उल्लाला शतकवीर 2021*
*दिनाँक-30/03/21*
*1.गणेश जी को समर्पित*
विनती अब हे गणपति सुनो, आओ मेरे द्वार में।
दुख हर के तुम मंगल करो, निर्धनता की मार में।।
**2.माँ शारदे को समर्पित*
वर दे माँ वीणावादिनी, आया तेरे द्वार में ।
रसना में हो हर रस भरा, स्वर गुंजे संसार में।।
*3.कलम की सुगंध को समर्पित*
मोती से भी अनमोल है, आप सभी का प्यार है ।
कलम छंद शाला दल मिला, घर जैसे परिवार है ।।
*4.गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित*
सिखलाते नूतन छंद नित, मेरे गुरु विज्ञात जी।
अभिवादन मैं मन से करू,दिन हो या हो रात जी।।
**5.स्वयं को समर्पित*
अज्ञानी हूँ मैं छंद का, कुछ लेखन का प्यास है।
माँ विमला के आशीष से,आज चमेली खास है।।
🙏🌹🙏
✍️©चमेली कुर्रे 'सुवासिता'
[30/03, 21:45] Archana Pathak: कलम की सुगंध छंद शाला
उल्लाल शतक वीर 2021
दिनांक 30/03 /2021
विषय
1गणेश
गणपति मंगलकारी सदा ,पूर्णित होते काज सब।
लेकर करते हैं नाम शुरू, प्रभु जी रखते लाज तब।।
2 माँ शारदे
चमके जैसे रवि तेज से, सुभदा का शुभगान है।
आओ मिल स्तवन सभी करें ,देती जो अवदान हैं।।
3 कलम की सुगंध
फैली खुशबू चहुँ ओर है, जगमग ज्ञान प्रकाश है।
कितनों को यह पहचान दे, मिले नहीं अवकाश है।।
4 गुरुदेव विज्ञात
गुरुवर के मुखरित ज्ञान से ,आनंदित हैं शिष्य सब।
ज्ञानी कहते विज्ञात जी , मिट जाते हैं विष्य जब।।
5 स्वयं को समर्पित
भावों की मैं हूँ अर्चना ,सुखमय करूँ प्रबोध यह।
इस जगती में तब हो सके, मानवता का शोध तब।।
🙏
अर्चना पाठक निरंतर
******************************
[30/03, 21:47] संतोष कुमार प्रजापति जी: *कलम की सुगंध छंदशाला*
*उल्लाला शतकवीर 2021*
दिनांक: 30/03/2021
1. *गणेश जी को समर्पित*
हे विघ्नेश्वर सुन लीजिए, फरियादी दर पर खड़ा ।
विघ्नों को सब क्षय कीजिए, चरणों में तेरे पड़ा ।।
2. *माँ शारदे को समर्पित*
वाणी कमला पद्मासना,ब्राह्मी कुमुदी शारदे ।
तेरे बहुतेरे नाम हैं, छन्दों को माँ धार दे ।।
3. *कलम की सुगंध को समर्पित*
अर्पित इस अर्णव मंच को,उल्लाला नव छन्द यह ।
पढ़-पढ़ सुन लिख सीखें सभी,अनुपम अति आनन्द यह ।।
4. *गुरूदेव विज्ञात जी को समर्पित*
अभिनव छंदों के नव सृजक, साधक गुरु विज्ञात जी ।
हम हैं प्रेमी साहित्य के, छंदों से अज्ञात जी ।।
5. *स्वयं को समर्पित*
विचलित मन जग व्यवहार लख, करता रहता खोज मैं ।
अभिलाषा उर सुख शांति हो, कविता रचता रोज मैं ।।
"""""""""""""""""""""""""
स्वरचित
सन्तोष कुमार प्रजापति 'माधव'
जनपद - महोबा (उत्तर प्रदेश)
[30/03, 22:02] सीमा अवस्थी: *उल्लाला शतकवीर के लिए*
*30.03.2021 (मंगलवार)*
*समीक्षक - आ• गुरूदेव संजय कौशिक विज्ञात जी*
पाँच उल्लाला सृजन
1. *गणेश जी को समर्पित*
गणपति वंदन पहले करें,
बनते सारे काज है।
लंबोदर प्रभु विनती सुनो,
रखना मेरी लाज है।
🌹🌹🌹🌹🌹
*2. माँ शारदे को समर्पित*
माँ शारदे नमन मैं करूंँ,
जीवन मेरा सार दे।
विद्या का देकर ज्ञान माँ,
जीवन को आधार दे।।
🌸🌸🌸🌸🌸
*3 कलम की सुगंध को समर्पित*
नित लिखते नूतन छंद है,
मिलता सबका साथ है।
लेखन सुगंध बिखरे यहाँ,
नीयम सृजन का साथ है।
🙏🙏🙏🙏🙏
*4. गुरूदेव विज्ञात जी को समर्पित*
गुरूवर होते महान हैं,
देते नूतन ज्ञान ही।
पथ भटके यदि राह में
मिलता विद्या का दान ही।।
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
*5. स्वयं को समर्पित*
अपनी गलती जब पता चले,
कर लो मान सुधार के।
संगत ज्ञानी की करें सदा,
माँगूँ ज्ञान गुहार के।
सादर समीक्षार्थ🙏🏻🙏🏻
डा.सीमा अवस्थी "मिनी"
[30/03, 22:20] Krishnmohan Nigam: कलम की सुगन्ध छंदशाला
उल्लाला शतकवीर 2021
दिनांक 30/03/2021
दिन मंगलवार(प्रथम दिवस)
विषय (1)गणेश जी को समर्पित
हे गणनायक वर दीजिए, जड़ता तम हो दूर सब।
पथ रोके पत्थर जो खड़े, हो जाएँ वो चूर अब।।
विषय (2)माँ शारदे को समर्पित
माता तेरे युग पद कमल, पूज पूज जग हो सुखी।
कर लेता तेरा ध्यान जो, पाता प्रतिभा बहुमुखी।।
विषय (3)कलम की.सुगंध को समर्पित
है मानस शुभ वासित हुआ,आ सुगंधमय बाग में।
खिलते नित नव नव छंद हैं,गाते कवि-अलि राग में।।
विषय (4)गुरुदेव विज्ञात जी को समर्पित
आगमन सूर्य का ज्यों सुखद, शशि सुखकर ज्यों रात में।
त्यों मध्य हमारे आप सच, बहुगुण गुरुवर विज्ञात में।।
विषय (5)स्वयं को समर्पित
कुछ लिख पाने की लालसा, लालच कुछ ज्ञानार्थ है।
मधुसूदन गुरु है सारथी, भय संकुल मन पार्थ है।।
कलम से
*कृष्णमोहन निगम*
सीतापुर
[31/03, 14:40] Anita Mandilwar Sapna: *30/03/2021*
आज के प्रतिभागी कुल 36🙏
1अनीता सुधीर आख्या जी
2आरती मेहर रति जी
3चंद्र किरण शर्मा जी
4अजय पटनायक जी
5पं रामजस त्रिपाठी नारायण जी
6डॉक्टर दीक्षा चौबे जी
7राजकिशोर धीरे ही जी
8डॉ एन के सेठी जी
9ज्योति अम्बष्ट जी
10सुधा देवांगन जी
11धनेश्वरी सोनी गुल जी
12कन्हैया लाल श्रीवास आस जी
13इन्द्राणी साहू सांँची जी
14मीना भट्ट जी
15इंदु साहू जी
16परमजीत सिंह कोविद जी
17नीतू ठाकुर विदुषी जी
18आशा शुक्ला जी
19भावना शिवहरे जी
20अरुणा साहू जी
21धनेश्वरी देवांगन धराजी
22बाबूलाल शर्मा बौहरा विज्ञ जी
23हेमलता राजेंद्र शर्मा 24मनिस्विनी जी
25चमेली कुर्रे सुवासिता जी
26उमाकांत टैगोर जी
27गुलशन कुमार साहसी जी
28आरती श्रीवास्तव विपुला जी
29ममता तिवारी जी
30अनीता मंदिलवार सपना जी
31गीतांजलि जी
32राधा तिवारी "राधेगोपाल" जी
33नीता अग्रवाल मधुर जी
34सरला स्निग्धा जी
35अर्चना पाठक निरंतर जी
36संतोष कुमार प्रजापति माधव जी
*राधा तिवारी*
*"राधेगोपाल"*
*सह संचालिका शतक वीर उल्लाला छंद*
*एल टी अंग्रेजी अध्यापिका*
*खटीमा,उधम सिंह नगर*
*उत्तराखंड*
सभी प्रतिभागियों को अनंत बधाईयाँ
ReplyDeleteउल्लाला छंद शतक वीर सम्मान हेतु सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
ReplyDeleteराधा तिवारी "राधेगोपाल"
सह संचालिका उल्लाला छंद शतक वीर सम्मान