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पीयूष वर्ष

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छंद- पीयूष वर्ष (आधारित गीत) शिल्प विधान 10,9 पर यति प्रति 2 चरण समतुकांत 3, 10, 17 वीं मात्रा लघु अनिवार्य 2 मात्रा भार को 11 लिखने की छूट नहीं मापनी 2122 2122 212 भूमि धारे धीर, ऐसी धीरता। काट दे जो शीश, वो ही वीरता॥ रोप दें ये बीज, योद्धा रक्त के। बाग हों तैयार, ऐसे वक्त के॥ शक्त के हैं काज, छाती चीरता काट दे जो शीश, वो ही वीरता॥ ध्वस्त होते नित्य, वो षड्यंत्र हैं। सिद्ध वाणी सोच, सारे मंत्र हैं॥ यंत्र हैं वो नाद, देखो क्षीरता काट दे जो शीश, वो ही वीरता॥ आज बातें आम, होती देश से। शांत हो माहौल, क्या है क्लेश से॥ भेष से ही पस्त, ये गंभीरता काट दे जो शीश, वो ही वीरता॥ संजय कौशिक 'विज्ञात'

हर गम सहती है

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गीत हर गम सहती है । फिर भी हँसती है ।। चलना ही है जीवन, बस यही कहती है । हर हाल में वह मुस्काती रहती है ।। हर गम सहती है •••• फिर भी हँसती है ••••• तेरे एक आवाज पर, दौड़ी चली आती है । स्नेह की धारा लुटा, नदियाँ बन बहती जाती है ।। हर गम सहती है •••• फिर भी हँसती है ••••• भरे खेत में पानी, इधर बहते हैं अश्रु ।। घर में एक दाना नहीं, चूल्हा बन जलती है ।। हर गम सहती है •••• फिर भी हँसती है ••••• अपने लाल की खातिर, सब दुख उठाती है । हाथों की लकीर बढ़ाने, खुद ही मिटती है ।। हर गम सहती है •••• फिर भी हँसती है ••••• सपना पूरा हो उसका, खुशियाँ कदम चूमें उसके ।। थके कदम हैं फिर भी, बस चलती ही रहती है ।। हर गम सहती है •••• फिर भी हँसती है ••••• अनिता मंदिलवार सपना अंबिकापुर सरगुजा छतीसगढ़

सहयोग

सहयोग हमें हमेशा एक दूसरे की सहयोग की जरूरत होती है बिना सहयोग अधूरे हैं हम लोगों से मिलकर परिवार, परिवार से समाज बनता है, समाज से शहर या गाँव, शहरों से मिलकर देश का निर्माण होता है हम अकेले कुछ भी नहीं हैं कुछ करने के लिए संगठन की आवश्यकता होती है संगठन शक्ति की एकता बहुत बड़े बड़े काम करवा देते हैं एक दूसरे का सहयोग करिए बिना किसी संकोच किसी ईष्या के यही आपकाअसली कर्म होना चाहिए । अनिता मंदिलवार सपना

संचय

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संचय संवादहीनता बढ़ रही है बिखर रहे मानवीय मूल्य करना होगा क्षमताओं का संचय अनमोल है मानव मूल्य मुझे मानव ही रहने दो जो मानवता के गुण से परिपूर्ण हो देह है क्षणभंगुर व्यापकता को अपनाओ याद रहेंगे सबके स्मरण में यही मानवीय गुण संचय करो अपने अंदर मानवीय मूल्यों को और बाँट दो इसे सबके बीच ! अनिता मंदिलवार सपना अंबिकापुर सरगुजा छतीसगढ़