हर गम सहती है

गीत हर गम सहती है । फिर भी हँसती है ।। चलना ही है जीवन, बस यही कहती है । हर हाल में वह मुस्काती रहती है ।। हर गम सहती है •••• फिर भी हँसती है ••••• तेरे एक आवाज पर, दौड़ी चली आती है । स्नेह की धारा लुटा, नदियाँ बन बहती जाती है ।। हर गम सहती है •••• फिर भी हँसती है ••••• भरे खेत में पानी, इधर बहते हैं अश्रु ।। घर में एक दाना नहीं, चूल्हा बन जलती है ।। हर गम सहती है •••• फिर भी हँसती है ••••• अपने लाल की खातिर, सब दुख उठाती है । हाथों की लकीर बढ़ाने, खुद ही मिटती है ।। हर गम सहती है •••• फिर भी हँसती है ••••• सपना पूरा हो उसका, खुशियाँ कदम चूमें उसके ।। थके कदम हैं फिर भी, बस चलती ही रहती है ।। हर गम सहती है •••• फिर भी हँसती है ••••• अनिता मंदिलवार सपना अंबिकापुर सरगुजा छतीसगढ़

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