दिनाँक - 3/02/2020
दिन - सोमवार
विषय - *पशुधन*
विधा - दोहा छंद

गौ की सेवा से हुआ, जीवन का उद्धार।
दूध दही नवनीत है, भोजन के आधार।।

गौ की रक्षा जो करे, होगा बेड़ा पार।
वैतरणी ही वो तरेे, जो जीवन का सार।।

गौ धन है सबसे बड़ा, धन से मत तू तोल।
भवसागर से तार दे, दिल की आँखे खोल।।

गोबर डालो खेत में ,है यह अच्छी खाद।
स्वस्थ फसल तैयार हो, पक जाने के बाद।।

गैया  संगत  खेलते,  होते सदा विभोर।
 माखन नित ही खा रहे, देखो माखन चोर।।

✒ राधा तिवारी "राधेगोपाल"
खटीमा
ऊधम सिंह नगर
उत्तराखंड

Comments

  1. आदरणीया अनीता जी और
    आपकी पूरी टीम का बहुत बहुत आभार ।
    ये सब नेक कार्य करने के लिए

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  2. गौ धन पर सुंदर और सार्थक दोहे

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  3. बहुत सुंदर और सार्थक दोहे

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  4. वाहहह! बहुत सुन्दर सृजन 👌👌👌👌👌

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  5. वाह बहुत सुन्दर

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