महात्मा गाँधी बापू

*!!रोला छंद!!*

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खुशी रहो सब आज, जयंती गाँधी जी की।
मने जयंती संग, सदा ही शास्त्री जी की।।

जन्मे वीर सपूत, यही था दिन वो पावन।
जयतु भारती मात, दिए दो पूत लुभावन।।


रखिये उनको याद, नमन करना मत भूलो।
ले आजादी फूल, सदा मन में अब झूलो।।

ऐसे वीर महान, हुए इस भारत भू पर।
जीवन ये कुर्बान, किया मन में खुश हो कर।।

चले सत्य के पंथ, अहिँसा के व्रत धारी।
भगा फिरंगी लाज, बचाई तभी हमारी।।

गाँधी जैसे पूत, बने सबके रखवाले।
देश प्रेम हित छोड़, चले थे सब घरवाले।।

लिया सत्य का साथ, करे आन्दोलन भारी।
सुख साधन सब छोड़, हटाया सूट सफारी।।

भारत माँ के काज, दिनों दिन कष्ट सहे।
इसके खातिर देख, पिता जी जेल रहे।।

थर थर काँपे राज, डरे अंग्रेजी सारे।
देख सत्य का जोर, सभी वो मन से हारे।।

जान गाय था विश्व, सत्य में ताकत भारी।
बापू से ही आज, बनी पहचान हमारी।।

भारत के सरताज, बने गाँधी जी प्यारे।
हम सब ही संतान, पिता वो बने हमारे।।
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*✍© प्रजापति कैलाश 'सुमा'*
ढिगारिया कपूर, मेहन्दीपुर बालाजी,
दौसा, राजस्थान।


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