दुर्गा वंदना
सादर नमन👏🏻🌹*
नवरात्रा
*!!*
रोला छंद!!
दुर्गा वंदना
***************************
सुनिये दुर्गा मात,
कृपा मुझ पर भी करिये।
बड़े प्यार से हाथ,
सदा मेरे सिर धरिये।।
कहे 'सुमा' कर जोड़,
चरण में शीश झुकाऊँ।
आदि भवानी मात,
प्रथम मैं आप मनाऊँ।।
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
माँ तेरे नौ रूप,
बड़े सुंदर मन भावें।
आना अम्बे आज,
खुशी से भजन सुनावें।।
कहे 'सुमा' नादान,
करो मत अब तो देरी।
माता झोली आज,
भरो खुशियों से मेरी।।
***************************
रचनाकार
प्रजापति कैलाश 'सुमा'
ढिगारिया
कपूर
मेंहंदीपुर बालाजी, दौसा, राजस्थान।
नवरात्रा
*!!*
रोला छंद!!
दुर्गा वंदना
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सुनिये दुर्गा मात,
कृपा मुझ पर भी करिये।
बड़े प्यार से हाथ,
सदा मेरे सिर धरिये।।
कहे 'सुमा' कर जोड़,
चरण में शीश झुकाऊँ।
आदि भवानी मात,
प्रथम मैं आप मनाऊँ।।
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
माँ तेरे नौ रूप,
बड़े सुंदर मन भावें।
आना अम्बे आज,
खुशी से भजन सुनावें।।
कहे 'सुमा' नादान,
करो मत अब तो देरी।
माता झोली आज,
भरो खुशियों से मेरी।।
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रचनाकार
प्रजापति कैलाश 'सुमा'
ढिगारिया
कपूर
मेंहंदीपुर बालाजी, दौसा, राजस्थान।
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