देश की हुंकार* जय जननी भारत, जन मन अभिमत, देश हित वीरवर, बोलियाँ सुनाइए । राष्ट्र गान जन मन, गाते मिल सब जन, ऊँचे आसमान पर, ध्वज फहराइए । जय जवान बोल कर, मन सारा खोल कर, वंचितों का मान रख, कर्तव्य निभाइए । देश की हुंकार जब, सुनते हैं तब सब, जात पात भूल कर, देश राग गाइए । *अनिता मंदिलवार सपना*
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माहिया छंद (टप्पा ) 222222-12 22222-10 222222-12 1/सावन देखो आया प्रियतम मेरे सुन मेरा मन हर्षाया l 2/रिमझिम रिमझिम बरसे जल इन अँखियों से बदरी कोई तरसे l 3/हर आहट पे लागे जैसे तुम आये मनवा सुन के जागे l 4/मन मेरा यूँ तड़पे तेरा कहना मुझसे कल आऊंगा तड़के l 5/सोलह श्रृंगार करूं बैठ थकूं सजना आने की आस भरूं l 6/अब संग मुझे जीना चाहूँ साथ सदा गम हँस के पीना l 7/चाहूँ दिल में रहना धड़कन बन तेरी साँसो में है बहना l 8/अब नैनों में बसना देखूँ जब तुझको मन हो मेरा रसना l 9/साजन मेरे सजना अब तो है मुझको जीवन भर सजना l 10/अब काहे को डरना बिन तेरे जीना जीते जी है मरना l सरोज दुबे रायपुर छत्तीसगढ़ 🙏🙏🙏🙏