
विशिष्ट सृजन, पूरा पढ़ें प्रतिक्रिया अपेक्षित है🙏 🌕🤴🌕🤴🌕🤴🌕🤴🌕🤴 ~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा . (रोला छंद) . 🦅 *चंद्र, इन्द्र ....हम* 🦅 . 🌕...🤴....🌍 . ✨✨✨ चंद्र इंद्र नभ देव, सदा शुभ पूज्य हमारे। हम पर रहो प्रसन्न, रखो आशीष तुम्हारे। लेकिन मन के भाव, लेखनी सच्चे लिखती। देव दनुज नर सत्य, कमी बेशी जो दिखती। . ✨✨✨ क्षमा सहित द्वय देव, पुरानी बात सुनाऊँ। लिखता रोला छंद, भाव कुछ नये बताऊँ। शर्मा बाबू लाल, सुनी वह तुम्हे सुनाता। बीत गया युग काल, याद फिर से आजाता। . ✨✨✨ ...