विशिष्ट सृजन, पूरा पढ़ें प्रतिक्रिया अपेक्षित है🙏 🌕🤴🌕🤴🌕🤴🌕🤴🌕🤴 ~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा . (रोला छंद) . 🦅 *चंद्र, इन्द्र ....हम* 🦅 . 🌕...🤴....🌍 . ✨✨✨ चंद्र इंद्र नभ देव, सदा शुभ पूज्य हमारे। हम पर रहो प्रसन्न, रखो आशीष तुम्हारे। लेकिन मन के भाव, लेखनी सच्चे लिखती। देव दनुज नर सत्य, कमी बेशी जो दिखती। . ✨✨✨ क्षमा सहित द्वय देव, पुरानी बात सुनाऊँ। लिखता रोला छंद, भाव कुछ नये बताऊँ। शर्मा बाबू लाल, सुनी वह तुम्हे सुनाता। बीत गया युग काल, याद फिर से आजाता। . ✨✨✨ ...
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महात्मा गाँधी बापू *!!रोला छंद!!* ******************************** खुशी रहो सब आज, जयंती गाँधी जी की। मने जयंती संग, सदा ही शास्त्री जी की।। जन्मे वीर सपूत, यही था दिन वो पावन। जयतु भारती मात, दिए दो पूत लुभावन।। रखिये उनको याद, नमन करना मत भूलो। ले आजादी फूल, सदा मन में अब झूलो।। ऐसे वीर महान, हुए इस भारत भू पर। जीवन ये कुर्बान, किया मन में खुश हो कर।। चले सत्य के पंथ, अहिँसा के व्रत धारी। भगा फिरंगी लाज, बचाई तभी हमारी।। गाँधी जैसे पूत, बने सबके रखवाले। देश प्रेम हित छोड़, चले थे सब घरवाले।। लिया सत्य का साथ, करे आन्दोलन भारी। सुख साधन सब छोड़, हटाया सूट सफारी।। भारत माँ के काज, दिनों दिन कष्ट सहे। इसके खातिर देख, पिता जी जेल रहे।। थर थर काँपे राज, डरे अंग्रेजी सारे। देख सत्य का जोर, सभी वो मन से हारे।। जान गाय था विश्व, सत्य में ताकत भारी। बापू से ही आज, बनी पहचान हमारी।। भारत के सरताज, बने गाँधी जी प्यारे। हम सब ही संतान, पिता वो बने हमारे।। 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 *✍© प्रजापति कैलाश 'सुमा'* ढिगारिया कपूर, मेहन्दीपुर बालाजी, दौसा, राजस्थ...